नारद- रखे सबकी खबर। पर क्या नारद जी सबको एक ही नज़र से भी देखते हैं? सोचता तो मैं यही था पर अब दोबारा सोचना पड़ रहा है। क्यों? अजी साहब ऐसा है कि जब भी नारद पर कोई नया पोस्ट एंट्री मारता है तो शीर्षक के बांयी और एक मंजीरा नज़र आता है। (अब उस मंजीरे की जगह क्रिकेट स्टंप्स और बॉल नज़र आ रहे हैं) जबकि कुछ पोस्ट में चिट्ठाकार कि तस्वीर नज़र आती है। मैं सोचता था कि पुराने और उस्ताद चिट्ठाकारों को ही चेहरा दिखाने का अवसर मिलता होगा पर यह भ्रम तब टूटा जब मैंने कुछ बिल्कुल नये चिट्ठाकारों का चेहरा वहाँ देखा। (नाम नहीं लेना चाहता)
तो जनाब मैने सोचना शुरु किया कि मेरे थोबड़े मे क्या बुराई है। अब कोई मुझे बताएगा कि यह किस आधार पर तय किया जाता है कि किसका फोटू दिखाना है और किससे मंजीरा बजवाना है? मेरे हिसाब से तो उन सभी की तस्वीरें दिखनी चाहिये जिन्होने अपने ब्लॉग पर तस्वीर लगा रखी है।
ठीक यही बात शीर्षक के साथ लेख के अंश के बारे में भी कही जा सकती है। कुछ पोस्ट केवल शीर्षक में ही निपटा दिये जाते हैं तो कुछ मे पोस्ट की शुरुआती चंद पंक्तियाँ भी होती है। अब यह कौन तय करता है?
कई बार तो यह भी होता है कि एक ही ब्लॉग पर एक लेखक की तस्वीर और लेख दोनो नज़र आते हैं और दुसरे को खाली शीर्षक से संतोष करता है। उदाहरण के लिये चिट्ठा चर्चा। आप ख़ुद ही देख सकते हैं।
भई अगर नारद सबका है तो सब के साथ एक सा व्यवहार होना चाहिये न। आपका क्या कहना है?
अरे भैया, आप भी अपने प्रोफ़ाइल मे जाकर अपना नाम अंग्रेजी मे लिखो, (display name) बस बाकी का काम नारद की टीम कर लेगी।
जवाब देंहटाएंआपका थोबड़ा यही रखना है ब्लॉग वाला या कोई मल्लिका शेरावट टाइप का फोटो दे रहे हो। sunonarad at gmail dot com पर भेजो।
सोमेश जी, चिट्ठाकार का चेहरा नारद पर दिखे या नहीं, यह चिट्ठाकार स्वयं तय करते हैं, नारद नहीं। इस पर पहले एक पोस्ट लिखी जा चुकी है, या चिट्ठाकार समूह में चर्चा हुई है। कुछ पुराने चिट्ठाकार भी हैं, जिन का चित्र नहीं है क्योंकि या तो उन्होंने अपना चित्र अपने प्रोफाइल में अभी डाला नहीं या डालना नहीं चाहते। अब यह देखिए ऊपर जीतू की टिप्पणी में फोटो लगी है, पर मेरी में नहीं। क्या इस के लिए आप को दोषी ठहराया जा सकता है?
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअब तो आपको पता चल ही गया होगा कि गड़बडी आपके ही पास से थी, :)
जवाब देंहटाएंसोमेश जी,
जवाब देंहटाएंयदि आप वर्डप्रेस में लिखते हैं तो शीर्षक के साथ लेख के अंश भी आते हैं. मैं वर्डप्रेस में लिखता हूं तो मेरे लेख के अंश आते हैं. फोटो वाली बात तो वरिष्ठ लोग पहले बता ही चुके हैं.
आपका शेखर सेन पर लेख बहुत अच्छा था. मैंने शेखर सेन की साईट से व्हीडियो भी डाउनलोड किया था. ट्रक, कुत्ते और कविता भी बहुत अच्छी थी.
जीतेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंइस जानकारी के लिये धन्यवाद। मैने अपना display name बदल लिया है। यही थोबड़ा चलेगा सर जी। इस पोस्ट से ये फ़ायदा तो हुआ कि जानकारी मिल गई।
रमण जी,
क्षमा करें जो मैं नारद को दोषी ठहरा रहा था। अज्ञानी था, अब समझ गया हूँ।
प्रमेन्द्र भाई,
बिल्कुल पता चल गया है। टिप्प्णी के लिये धन्यवाद।
धुरविरोधी जी,
टिप्प्णी और जानकारी के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।
चलो अब खुश हो जाओ और लिखना शुरु करो. शुभकामनायें. :)
जवाब देंहटाएंआपको जितुभाई ने समझा दिया है, मैं भी ज्ञान देने आया था मगर मामला पहले ही निपट गया :)
जवाब देंहटाएंसंजय भाई की तरह ही मैं भी पोस्ट पढ़कर ज्ञान झाड़ने वाला था कि ऊपर जीतू भाई की टिप्पणी पढ़ी। खैर अब भी मेरे पास आपकी दूसरी समस्या का जवाब है।
जवाब देंहटाएंअपने ब्लॉगर के डैशबोर्ड में जाकर फीड को Summery से full कर दीजिए तो नारद पर लेख का अंश भी दिख जाएगा।
भई वाह क्या खुब लिखा आपके इस लेख से हमें कुछ नयी जानकारीयाँ प्राप्त :D
जवाब देंहटाएंसमीर लाल जी,
जवाब देंहटाएंशुभकामनाओं के लिये धन्यवाद। मैं पहले भी खुश था।
श्रीश जी,
इस जानकारी के लिये धन्यवाद।
संजय जी एवं गणेश जी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।
Somesh bhai, ek post likhiye jald se jald, fir check kariye, aapka photo N arad par aaya ki nahi.
जवाब देंहटाएंआज-कल में करता हूँ जीतू जी।
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